आपका जाना-मधु प्रिया

विजय सर, आपका जाना मानो, हम सब को‌ व्यथित कर जाना। कर्म से ही पहचान बनती है, कर्म से ही आपको हमने जाना। एक दिव्य पुरुष की आत्मा, एक स्नेहिल…

होली-गिरिधर कुमार

होली आई है सच में फिर अबकी बार, फिर सजायेंगे हम रंगों की बारात, खुद के कूचे से बनायेंगे, रंगों में डूबे हंसते चेहरे, कुछ मेरी तरह, कुछ तुम्हारी तरह,…

आधुनिक नारी-रूचिका राय

आधुनिक नारी आधुनिक भारत की हूँ मैं नारी, नही अबला नही हूँ मैं बेचारी, पहुँच जाऊँगी मैं चाँद तक भी, इसके लिए करती हूँ मैं तैयारी। रीतियों का सदा निर्वहन…

फूल-मनु कुमारी

फूल (मनहरण घनाक्षरी) आओ बनें हम फूल, गम सारे जायें भूल प्रेम माल बनूं सदा देख तू संसार के! बनके सुमन हार, देश भक्त राह पडूं, देश भक्ति प्यारी मुझे,…

मैं हूँ नारी-मधु कुमारी

मैं हूँ नारी मैं हूँ नारी एक धधकती सी चिंगारी प्रगति पथ की हूँ अधिकारी सृष्टि की सुंदर कृति हमारी मैं जग जननी,मैं पालनहारी मैं हूँ नारी……… हमने अपनी शक्ति…

ममता की दुलारी – भोला प्रसाद शर्मा

ममता की दुलारी अजब तेरी मुस्कान थी, चेहरा भी कमाल था। थी पापा की परी, पर उम्र बारह ही साल था। चेहरे पर ओज-तेज सा, प्रत्यक्ष खिलता गुलाल था। गम…

हौसला – कुमकुम कुमारी

हौसला देखो आँसू न बहाना, तुम हरदम मुस्कुराना। चाहे लाख तूफाँ आए, कदम पीछे न हटाना।। सदा आगे बढ़ते जाना, देख बाधा न घबराना। अपनी मंजिल पाने को, तुम तूफाँ…