मैं स्त्री हूं, मैं नारी हूं – ब्यूटी कुमारी

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मैं स्त्री हूं, मैं नारी हूं

मैं अंबर मैं सितारा हूं
मैं ही चांद और तारा हूं
बेटी बहू कभी मां बनकर
सबके सुख दुख को सहकर
अपना फर्ज निभाती हूं।
मैं स्त्री हूं ,मैं नारी हूं
मैं अबला नहीं अवतारी हूं।
मैं दिया की लौ बन कर
घर आंगन रौशन करती हूं
मत खेलो मेरे जज्बातों से
अंगार भी मैं बन सकती हूं
मैं स्त्री हूं ,मैं नारी हूं।
मैं दुर्गा हूं मैं काली हूं
सृष्टि की रखवाली हूं
घर की लक्ष्मी स्त्री हूं
सरस्वती स्वरूपा नारी हूं
मैं स्त्री हूं ,मैं नारी हूं।
मैं द्रोपदी हूं मैं सीता हूं
कृष्ण की भागवत गीता हूं
कभी जुए में हार गए
कभी अग्निपरीक्षा दिलवाई
पुरुषों ने यह कैसी
नियति दिखलाई?
मैं स्त्री हूं, मैं नारी हूं।
सहनशील वसुंधरा हूं
मैं धरती की हरियाली हूं
पुरुष की परछाई हूं
मैं पतिव्रता सावित्री हूं
मैं स्त्री हूं ,मैं नारी हूं।
हर घर को स्वर्ग बनाती हूं
गरिमा हूं मैं आभा हूं
लज्जा हूं मैं करुणा हूं
ज्वाला हूं मैं चंडी हूं
मैं सृष्टि हूं संहार हूं
मैं स्त्री हूं, मैं नारी हूं।
रजिया सुल्तान मैं
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हूं
मैं श्रीमती इंदिरा गांधी हूं
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल हूं
मैं स्त्री हूं, मैं नारी हूं।
भारत कोकिला हूं मैं
स्वर कोकिला लता हूं
मैं ममतामय नारी हूं
मैं स्त्री हूं ,मैं नारी हूं
मैं अबला नहीं अवतारी हूं।

ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय

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