कई दिनों से उमस बड़ी है, तपती-जलती वसुंधरा । कहाँ खो गए नभ में बादल? कर दया आ बरस जरा, कर दया आ बरस जरा ।। झुलसी हुई हरियाली देखो,…
Category: Manorajak
गर्मी आई गर्मी आई – एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
देखो गर्मी आई गर्मी आई साथ में वो गर्म हवाएं लाई बाहर न निकलो बेमतलब घर में सुरक्षित रहो रे भाई घर रहकर तुम करो पढ़ाई देखो गर्मी आई गर्मी…
जब से आई गरमी – मीरा सिंह “मीरा”
सूरज बाबा ने हद कर दी सुबह सवेरे आते जल्दी। सूनी सूनी सड़कें गलियाँ दुबके बैठे बच्चे घर जी। आंख मींचते आ जाते हैं बिन पहने ही अपनी वर्दी। गरमी…
मौसम का असर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
रात दिन में भी ज्यादा- पड़ता है फर्क नहीं, ज़ालिम मौसम देखो, ढा रहा कहर है। जैसे -जैसे दिन ढले, चिलचिलाती लू चले, अब तो ये सुबह भी लगे दोपहर…
मेरी कलम बहुत छोटी – नीतू रानी
मेरी कलम बहुत छोटी लिखती है छोटी और मोटी, रूकने का कभी नाम नहीं लेती अंग्रेजी, हिंदी सबकुछ लिखती। कभी पर्स में कभी जेब में कभी टेबल पर खड़ी वो…
फागुन का बयार-जयकृष्णा पासवान
गुलाबी रंग की , परिणाम तो देखो । चारों दिशाओं की , आसमान तो देखो।। इन्द्रधनुष से सजी है, बादलों के काफ़िले। चांद और सितारों के , मुस्कान तो देखो।…
बालगीत – सुधीर कुमार
नाच रहा मन मोर है । कितनी सुन्दर भोर है ।। तारे सारे लुप्त है । लोग भला क्यों सुप्त हैं ।। सुनते कब वे शोर है । कितनी सुन्दर…
आँगन के फूल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जग के आंखों के हैं तारे ये आँगन के फूल हमारे, इनके आगे फीका लगता है नील गगन के चांद सितारे। बच्चे होते हैं तितली जैसे इनकी शोभा होती न्यारी,…
दो भाई- मीरा सिंह “मीरा”
सोनू मोनू हैं दो भाई करते सारे लोग बड़ाई। खेला करते साथ हमेशा कभी कभी वो करें लड़ाई।। उन दोनों की है इक दादी भोली भाली सीधी सादी। प्यार बहुत…
तितली उड़ी-ब्यूटी कुमारी
तितली उड़ी तितली उड़ी बनके परी बच्चों की टोली पीछे पड़ी। रंग बिरंगी पंखों वाली तितली है बड़ी मतवाली। फूलों पर मंडराती है मीठा-मीठा रस पीकर उड़ जाती है। गुनगुन…