किस्मत- जय कृष्ण पासवान

Jaykrishna

किस्मत बंधे हुए फरिश्तों का लकीर है ।
और चमकते हुए सितारों का तनवीर है वो।
किस्मत हर ख्वाबों के टहनियों का तक़दीर है ।
और जिंदगी के कठिन राहों का फूल है वो।।
किस्मत बहती हुई फिजाओं का सुरूर है।
और हर-लम्हों के धागों का बंधन है वो ।।
किस्मत मस्तक पर ललाट का चंदन है।
और हारी हुई बाजी में जीत का प्रतीक है वो।।
किस्मत जलती हुई शमा की चिंगारी है ।
और महकती हुई बागों की फूलवार है वो।।
किस्मत बहती हुई दरिया के साहिल है।
और चलती हुई जिंदगी के राही है वो।।
किस्मत सब्र और परिश्रम की शहनाई है।
और रणभूमि में युद्ध की परछाई है वो।।
किस्मत हर- सितम पर कलि बनकर भंवरों की अंगड़ाई है।
और लहरों पे कश्तियां बनकर सागर की गहराई है वो।।
किस्मत दिल के धड़कनों का उम्मीद है।
और जीवन के संगीत का आवाज़ है वो ।।

**जय कृष्ण पासवान स०शिक्षक उच्च विद्यालय बभनगामा बाराहाट
(बांका)
सुन्दर रचना।

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