लाल टमाटर – मीरा सिंह “मीरा”

लाल टमाटर छिपें कहां हो
दिखते क्यों ना आज यहां हो।
अभी अभी तो आएं थे तुम
हाथ हिलाते चले कहां हो।।

खोजते फिरें लोग सभी अब
सारी दुनिया में यहां वहां।
लाल टमाटर मुझे बताओ
प्यारे जाकर तुम छिपे कहां।।

क्या मम्मी की याद सतायी
या गुड़िया की रची सगाई।
कहते हैं कुछ लोग यहां पर
बरखा रानी तुझे जलाई।।

तुम बिन सूना है घर आंगन
सूनी लगती आज रसोई।
तुझे याद करती मेरी मां
तरकारी लगती अब रोई।।

ओ अलबेले बातें सुन जा
चढ़ा झाड़ क्यों वापस आ जा।
सबको भाए लाल टमाटर
सब्जी मंडी का तू राजा।।

मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव जिला-बक्सर

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