सपने-चंचला तिवारी

सपने

आँखो ने रात एक सपना सजाया
सपने मे मैंने अपने सपने को पाया
उस सपने ने मुझे हर पल जगाया
हर क्षण मुझे बस वही नज़र आया
आँखो ने रात एक सपना सजाया।

सपना जो मुझे मेरे अपनो ने दिखाया
जिसके सच होने पर हर आँख भर आया
सपने जिसने हर बाधा को पार कराया
उन्हीं सपनों ने मुझे मुझसे भी मिलाया
आँखो ने रात एक सपना सजाया।

जिन्दगी को जीने का सलिका सिखाया
मुझे मेरे हर रुप से अवगत कराया
आसमान मे उड़ने का अहसास कराया
हाँ मुझे मेरे सपने ने सब कुछ दिलाया
आँखो ने रात एक सपना सजाया।

रात उस सपने ने हकीकत दिखाया
बाकी हैं कुछ मुकाम ये बोध कराया
निरंतरता के मोल को भी समझाया
सपने ने मुझे कल रात फिर जगाया
आँखो ने रात एक सपना सजाया।

चंचला तिवारी
तपसी सिंह उच्च विद्यालय
चिरांद  सारण

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