पूछती है निर्भया- प्रियंका कुमारी

रात्रि चौराहे पे पड़ी,

यह स्त्री कौन है?

पूछती है निर्भया,

निर्वस्त्र अब यह कौन है?

क्या मेरी चीत्कार से ,

दहला कोई हृदय नहीं।

या मेरी उसे वेदना का ,

क्यों ? किसी को भय नहीं।

घृणित वासना से भरा

यह अधर्मी कौन है?

पूछती है निर्भया,

निर्वस्त्र अब यह कौन है?

मेरी बर्बर दुर्दशा से,

सीख न अपनाया गया।

निर्भया को क्यों?

फिर से दोहराया गया।

कुत्सित मनोभाव वाला,

यह क्लीव कौन है?

पूछती है निर्भया,

निर्वस्त्र अब यह कौन है?

तेरे कुल में जन्म लेती,

बेटियाँ लजाएँगीं

मन के कोने में कहीं ,

निर्भया बस जाएगी।

भय-व्याप्त जीवन के लिए ,

उत्तरदायी कौन है?

पूछती है निर्भया,

निर्वस्त्र अब यह कौन है?

रात्रि चौराहे पे पड़ी,

यह स्त्री कौन है? 

पूछती है निर्भया,

निर्वस्त्र अब यह कौन है?

प्रियंका कुमारी
उ• म•  वि•  बुढ़ी
कुचायकोट, गोपालगंज

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