जीवन के आयाम-प्रीति कुमारी

जीवन के आयाम

सुबह हुई अब आँखें खोलो,
बिस्तर छोड़ो, मुहँ हाथ धोलो।
नित्य क्रिया से निबट जाओ तुम,
पढाई-लिखाई में मन लगाओ तुम।
थोड़ा सा योगा, थोड़ा सा ध्यान,
थोड़ा उछल-कूद,थोड़ा व्यायाम।
सुबह नाश्ता करो भरपूर,
ताजे फल और खाओ खजूर।
दोपहर में तुम पीयो छाछ,
शरबत लस्सी दूध बादाम।
तरोताजा रहोगे हरदम,
स्वस्थ रहोगे, खिलेगा चितवन।

साफ-सफाई की आदत डालो,
बीमारियों को दूर भगा दो।
प्रसन्न मन से पहुंचो स्कूल,
सारी चिन्ता जाओ भूल।
विद्यालय में करो पढाई,
पढो-लिखो और पाओ बड़ाई।
पढ़ना-लिखना एक कला है,
ज्ञानार्जन का एक शिरा है।
पढ़-लिखकर तुम आगे बढ़ना,
नए भारत की रचना करना।
अपने लक्ष्य को पाने हेतु,
तुम निरंतर प्रयासरत रहना।
जब तुम लक्ष्य को पा जाओगे,
जीवन में कुछ बन जाओगे।
नाम करोगे जग में रौशन
खुश होंगे परिवार कुटुम्ब जन।
देश के सफल नागरिक बनकर,
राष्ट्र निर्माण के भागी बनोगे।
नित नए कीर्तिमान बनाकर,
सफलता के आयाम चूमोगे।
आयेगी जीवन में खुशहाली,
जीवन सफल बना पाओगे।

🌹🌹 प्रीति कुमारी 🌹🌹
कन्या मध्य विद्यालय मऊ

विद्यापति नगर समस्तीपुर 

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