विपरीतार्थक शब्द-सुधीर कुमार

विपरीतार्थक शब्द

आओ बच्चों तुम्हें सिखाता,
हूं मैं आज कुछ उल्टा शब्द।
विपरीतार्थक को विलोम भी कहते 
उल्टे अर्थ देते ये शब्द।
शहर का उल्टा गांव है,
धूप का उल्टा छांव।
उदय का उल्टा अस्त है,
सर का उल्टा पांव।
मित्र का उल्टा शत्रु है,
जीवन का उल्टा मृत्यु।
प्रेम का उल्टा घृणा है,
वक्र का उल्टा ऋजु।
क्रय का उल्टा विक्रय है,
विजय का उल्टा पराजय।
उत्थान का उल्टा पतन है,
सदय का उल्टा निर्दय।
सत्य का उल्टा है असत्य,
नित्य का उल्टा अनित्य।
देव का उल्टा दानव है,
मालिक का उल्टा भृत्य।
धर्म का उल्टा अधर्म है,
सुकर्म का उल्टा कुकर्म।
चोर का उल्टा साधु है,
शर्म का उल्टा बेशर्म।
इंकार का उल्टा कबूल है,
फूल का उल्टा शूल।
शांत का उल्टा अशांत है,
अनुकूल का उल्टा प्रतिकूल।
धीर का उल्टा अधीर है,
गरीब का उल्टा अमीर।
जीवन का उल्टा मरण है,
सेठ का उल्टा फकीर।
भूत का उल्टा वर्तमान है,
सपूत का उल्टा कपूत।
समान का उल्टा असमान है,
छूत का उल्टा अछूत।
इधर का उल्टा उधर है,
कुरुप का उल्टा सुंदर।
गम का उल्टा खुशी है,
बाहर का उल्टा अंदर।
आकाश का उल्टा पाताल है,
हाल का उल्टा बेहाल।
अंधेरा का उल्टा उजाला है,
खुशहाल का उल्टा बदहाल।
सरल का उल्टा कठिन है,
सुदिन का उल्टा दुर्दिन।
सुबह का उल्टा शाम है,
रात का उल्टा दिन।
नभ का उल्टा तल है,
सफल का उल्टा असफल।
आज का उल्टा कल है,
सबल का उल्टा निर्बल।
दूर का उल्टा पास है,
आस का उल्टा निराश।
कायर का उल्टा बहादुर है,
निर्माण का उल्टा विनाश।
ईद का उल्टा मुहर्रम है,
अधिक का उल्टा कम।
उत्तम का उल्टा अधम है,
ज्योति का उल्टा तम।
नर का उल्टा नारी है,
हल्का का उल्टा भारी।
स्वर्ग का उल्टा नरक है,
थोड़ी का उल्टा सारी।

सुधीर कुमार

किशनगंज

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