विद्यालय में-विजय सिंह नीलकण्ठ

विद्यालय में बिन बच्चों के मन नहीं लगता गुरुजी को विद्यालय में खाली बैठकर समय बिताना पड़ता है विद्यालय में। कोरोना ने बंद कर दिया बच्चों का स्कूल आना बैठ…

क्यों रोती है बेटियाँ-भोला प्रसाद शर्मा

क्यों रोती है बेटियाँ जन्म लेकर क्या गुनाह किया पापा की बेटियाँ, दो आँगना की फुलवारी है फिर भी क्यों रोती है बेटियाँ। दो कुल को रौशन किया पापा की…

दीन हीन आँखें-देव कांत मिश्र

दीन-हीन की आँखें मैंने इस लॉकडाउन में एक दीन-हीन व्यक्ति को देखा पहले जैसा हँसमुख नहीं ख़ामोश व ग़म के आँसू पिए चेहरे पर उदासीनता की रेखा उसकी आँखें कह…

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