जलहरण घनाक्षरी छंद – जैनेन्द्र प्रसाद “रवि’

प्रभाती पुष्प जलहरण घनाक्षरी छंद हमेशा मगन रहें ईष्ट का भजन करें, वृथा नहीं नष्ट करें, समय को पल भर। कदम बढ़ाएं सदा फूंक-फूंक कर हम, जीवन में पड़ता है,…

प्रेम उपहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

प्रेम उपहार बाल भावना को स्पर्श करती रचना (मनहरण घनाक्षरी छंद में) नाजुक- कोमल कली, बागानों में जैसे माली, करे खूब देखभाल,बच्चे होते फूल से। कभी नहीं करें रोस, यदि…

बाली रे उमरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

प्रभाती पुष्प मनहरण घनाक्षरी छंद बाली रे उमरिया 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 एक दिन राधा रानी भरने को गई पानी, भूल बस चली गई, गोकुल नगरिया। देख के सुंदर गांव ठिठक गई थी…

चुनाव का असर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

मेरे दिलवाले सैयां पड़ती हूं तेरी पैंया, ला दो चांदी की पायल, पहनूंगी पांव में। दिला दो रेशम साड़ी, चार चक्का होंडा गाड़ी, खेलने को रंग बैठ, जाऊंगी मैं गांव…

सांवला सांवरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

होली दिन राधा रानी भरने को गई पानी, सहेली के संग ले के, सिर पे गगरिया। मोहन हो मतवाला अबीर गुलाल डाला, अंग-रंग भींगी मेरी, चोली व चुनरिया। धो के…

होली का संदेश – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

होली का संदेश प्रेम भाईचारा ले के होली का त्यौहार आता, गिले-शिकवे को भूल, खुशियां मनाइए। विरोधी के घर जाएं होली की बधाई देने, पड़ोसी और दोस्तों को, घर पे…

गोकुल की होली – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

प्रभाती पुष्प अबीर गुलाल संग रंगो की बौछार होती, कैसी होती लठ्ठमार, गोकुल की होली है। गोकुल की ग्वालों पर लाठियां है बरसातीं, होलीयारिन बन के, गोपियों की टोली है।…

होली का रंग – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

होली का रंग मनहरण घनाक्षरी छंद फाल्गुन महीना आया तन-मन हर्ष छाया, वृंदावन में होली का,दौर चहुंओर है। हिरनी सी चले चाल चुनरी पहन लाल, गोपियों के अंग लगा, रंग…