गीत छंद – गीतिका मात्रा — १४ २१२२ २१२२ , २१२२ २१२२ छोड़ दो तकरार सारे , प्रेम से कुछ बात कर लो । लड़ चुके हैं हम बहुत ही…
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जय माँ सरस्वती-सुधीर कुमार
मनहरण घनाक्षरी वर्ण — ८ ,८ ,८ ,७ अंत – लघु , दीर्घ वीणा पाणि मात मेरी , दया मिले हमें तेरी , शिशु हमें जान जरा , अंक भर…
अरिल्ल छंद -सुधीर कुमार
अरिल्ल छंद मात्रा – १६ अंत – १२२ आपस में मत करो लढ़ाई । बच्चों कर लो खूब पढ़ाई ।। तुम अपना मत समय गँवाना । अच्छे बच्चे सदा कहाना…
अकड़म बकड़म – सुधीर कुमार
अकड़म बकड़म छंद — पद्धरि मात्रा — १६ अंत – जगण बच्चे सब पूछें यह सवाल । सूरज क्यो होता लाल-लाल ।। क्यों नीला लगता आसमान । भौंहों को कहते…
श्रुति सम भिन्नार्थक शब्द -सुधीर कुमार
अंश मतलब हिस्सा होता, अंस का मतलब कंधा शूर मतलब वीर है होता, सूर का मतलब अंधा मीत का माने सबसे प्यारा, मित्र का अर्थ है साथी हस्त का अर्थ…
एकावली – सुधीर कुमार
मात्रा — १० यति — ५,५ अंत — दीर्घ २१२ , २१२ मौत से , जो डरे । आज ही , वो मरे ।। छोड़ दे , डर सभी ।…
बच्चे की कामना -सुधीर कुमार
नहीं चाहिए टॉफी,बिस्कुट , नई किताबें ला दो पापा । खेतों में अब काम छुड़ाकर , पढ़ने मुझे भिजा दो पापा । फिर से नाम लिखा दो मेरा , पढ़ने…
बालगीत – सुधीर कुमार
नाच रहा मन मोर है । कितनी सुन्दर भोर है ।। तारे सारे लुप्त है । लोग भला क्यों सुप्त हैं ।। सुनते कब वे शोर है । कितनी सुन्दर…
लावणी छंद – सुधीर कुमार
मात्रा — ३० यति – १६,१४ —————– मन के अंदर दीप जला लो , आओ आज दिवाली में । खुशियों से मन को महका लो , आओ आज दिवाली में…
पर्यायवाची शब्द -सुधीर कुमार
सूरज का है समानार्थी रवि , सूर्य दिनमान । इसी तरह ईश्वर का होता प्रभु , देव , भगवान ।। समानार्थी पौधा का है पादप , वृक्ष और तरु । …