स का दंभ-विवेक कुमार

स का दंभ एक संकट है आया भैया, देता एक संकेत……… इसकी संगति संपर्क स्पर्श, कर रहा संहार सर्वनाश, संक्रमित कर रहा जन को, सूचक संग संयोग संभावना संताप की,…

औरों में अच्छाई देखें-लवली वर्मा

औरों में अच्छाई देखें औरो में अच्छाई देखें, छिपी न कोई बुराई देखें। देखो औरों की अच्छाई, कैसा भी हो उनका अतीत। ढूंढोगे अगर उनमें बुराई, न होगा कोई तुम…

वसुन्धरा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

वसुन्धरा आओ देश वासियों तुझे पुकारती वसुन्धरा। बिना बोले अपनी भाषा में देती संदेश दर्दभरा।। पेड़-पौधे कट रहे, पृथ्वी हो रही विरान है। स्वच्छ हवा, निर्मल पानी में बसते सबके…

हम धरती की संतान हैं-कुमकुम कुमारी

हम धरती की संतान हैं सृष्टि के कण-कण में देखो, बसते यहाँ भगवान हैं। धरती हमारी माता है, हम इसकी संतान हैं। कितनी प्यारी धरा हमारी, इसका हमें गुमान है।…

पर्यावरण-मुकेश कुमार

पर्यावरण आओ पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं, अपने को स्वस्थ और जीवन को बेहतर बनाएं। अगर जीवन में हम सब एक भी पेड़ लगा देंगे, बच्चों के भविष्य को और बेहतर…

मुदित मन-दिलीप कुमार गुप्त

मुदित मन जीवन पाटल सम सुशोभित पल्लवित पुष्पित कंटक में अगम्य पथ तपन तप्त बालुका विश्रांति मंजुल मरूवन में। मन कराल सम्मुख मृगतृष्णा एकल गमन पुनीत हरि वन में द्वन्द्व…

यक्ष प्रश्न-गिरिधर कुमार

यक्ष प्रश्न पूछे जाते रहे हैं सवाल कभी हमसे तुमसे युधिष्ठिर से परम्परा रही है यह नियति की उत्तर ढूंढ़ना होता है कभी हमें कभी तुम्हें कभी युधिष्ठिर को यह…

वसुंधरा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

वसुंधरा वसुंधरा सदा पावन बने बहे हृदय ऐसा विचार। हरी-भरी नित इसे बनाकर करें हम जीवन साकार।। इस धरा पर शस्य जब उगते मिलती हैं खुशियाँ अपार। रखें नहीं कलुषित…