हंसवाहिनी वंदना-सुबह सवेरे-शालिनी कुमारी

हंसवाहिनी वंदना  हंसवाहिनी मां शारदे तू ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दे तम को मन से दूर कर तू राग जीवन में तू भर दें जग के छल, माया, प्रपंच से माँ…

संगीत कहाँ नहीं है-भोला प्रसाद शर्मा

संगीत कहाँ नहीं है संगीत कहाँ नहीं है। ममता की लोरी में बच्चों के किलकारी में कोयल की कू-कू में पपीहा की पीहू-पीहू में गाड़ी के भोंपू में बाजू के…

अंतर-अवनीश कुमार

अंतर कुछ कर दिखा इस जमाने में बता दे दुनियाँ को नहीं है मानव-मानव में अंतर आज दिख रहा जो जमाने मे अंतर ये अंतर न रहेंगे निरंतर ये अंतर…

रिश्ते-अर्चना गुप्ता

रिश्ते रिश्ते होते हैं अमूल्य धरोहर समरस जीवन होते सुखकर हृदय के हर भाव को समझे बहते जैसे निर्झरिणी निर्झर मधुर भावों से सजा उपवन हर रिश्तों का मान रखें…