बच्चे और विद्यालय-संयुक्ता कुमारी

बच्चे और विद्यालय बच्चे तो बच्चे होते हैं मन के बड़े सच्चे होते हैं।। ये वो फूल है जिनके बिना विद्यालय लगते बहुत वीराने ।। होते जब विद्यालय में विद्यालय…

हिंदी हमारी शान-शालिनी कुमारी

हिंदी हमारी शान हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी हमारे देश के मातृभाषा की पहचान है हिंदी की प्रगति…

जीवन पथ-प्रीति कुमारी

जीवन-पथ  जीवन-पथ है अनजान डगर , चलना इसपर है संभल-संभल । नित नयी चुनौतियाँ आएँगी, सामना करेंगे हम डटकर । इस जग का हम कल्याण करें, जन-मानस का निर्माण करें,…

दिनों के नाम-निधि चौधरी

दिनों के नाम सोमवार को चले स्कूल मंगलवार खिल गए फूल। बुधवार को आई नानी, गुरुवार हम सुने कहानी। शुक्रवार को लगे बाज़ार, शनिवार छुट्टी का इंतज़ार। आया प्यारा प्यारा…

मेरा विद्यालय-मधुमिता

मेरा विद्यालय कितना प्यारा कितना सुंदर कितना न्यारा कितना मनोहर मेरा विद्यालय मेरा घर रोज सुबह नित्य क्रिया कर तैयार होते हम नहा धोकर किताबों को बस्ते में डालकर उछलते…