मेरी फुलवारी-कुमारी अनु साह

मेरी फुलवारी मैंने लगाई एक फुलवारी सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी । गेंदा, गुलाब, चंपा, चमेली जूही, केतकी उजली बेली । कितने सारे फूल लगाए सबके मन को ये भाए । जब…

सत्य अहिंसा के पुजारी-अशोक कुमार

सत्य अहिंसा के पुजारी 2 अक्टूबर 1869 के पोरबन्दर में जन्मा एक धीर, पुतलीबाई, करमचंद गांधी के कोख में जन्मा एक वीर। 1914 में दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह चलाकर, भारतीय…

दिनकर-एकलव्य

दिनकर रातों को दिन में बदले, दिनकर वही कहलाते थे सत्ता का पैर जब फिसले राष्ट्रकवि तब हाथ बढ़ाये थे, सत्ता में रह सत्ता का मर्दन दिनकर ही कर सकते…

जीवन तो सीखते जाना है-दिलीप कुमार गुप्ता

जीवन तो सीखते जाना है  सुख से सीखें, दुःख से सीखें खुशियाँ हो या गम से सीखें मैत्री भाव हो व्याप्त जगत मे रिपु अपना कोई नहीं  अपनों का सम्मान…

हंसवाहिनी वंदना-सुबह सवेरे-शालिनी कुमारी

हंसवाहिनी वंदना  हंसवाहिनी मां शारदे तू ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दे तम को मन से दूर कर तू राग जीवन में तू भर दें जग के छल, माया, प्रपंच से माँ…

संगीत कहाँ नहीं है-भोला प्रसाद शर्मा

संगीत कहाँ नहीं है संगीत कहाँ नहीं है। ममता की लोरी में बच्चों के किलकारी में कोयल की कू-कू में पपीहा की पीहू-पीहू में गाड़ी के भोंपू में बाजू के…