पुस्तक होती ज्ञान दायिनी सबको राह दिखाती है। मानव का सच्चा साथी बन हर पग साथ निभाती है।। अम्मा बन गाती है लोरी नानी बन कथा सुनाती है। सुख दुख…
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प्यारी गुड़िया- मीरा सिंह “मीरा
नन्ही मुन्नी प्यारी गुड़िया सबकी राज दुलारी गुड़िया। तितली जैसी उड़ती फिरती खुशियों की किलकारी गुड़िया।। कभी गले से आकर लिपटी कभी खफा हो जाती गुड़िया। करके कोई नयी शरारत…
बदल रहा है आज जमाना- मीरा सिंह “मीरा”
नया दौर है नया तराना बदल रहा है आज जमाना।। गुजर गया वो दौर पुराना बेटी बोझ कहीं जाती थी। इल्जामों के बोझ तले वह घर में भी सहमी रहती…
चल मुनिया-मीरा सिंह “मीरा”
तुझमें हिम्मत बल मुनिया। चल आगे बढ़ चल मुनिया। देखेगी दुनिया सारी तुझमें कितना बल मुनिया।। अवरोधों से मत घबरा तूफानों से लड़ मुनिया। दीपक बनकर तू जलना रोशन होगा…
शिव प्रार्थना- मीरा सिंह “मीरा”
मन मेरा है बना शिवाला रहता उसमें डमरू वाला डम डम डमरू बजा रहा है मन नाचे होकर मतवाला।। सांसो की है बजे बांसुरी जपती रहती शिव की माला। वो…
प्रेम बड़ा अनमोल रतन है-मीरा सिंह “मीरा
प्रेम से हुआ जग रोशन हैं जीवन लगता सुखद सपन है। दुनिया लगती बहुत सुहानी प्रेम बड़ा अनमोल रतन है।। करें जहां पर प्रेम बसेरा दूर वहां से दुख का…
हृदय की गांठ खोलता ज्ञान -मीरा सिंह “मीरा”
ज्ञान खुशी का एक पिटारा ज्ञान बनाए जीवन न्यारा। करें जहां पर ज्ञान बसेरा रहता नहीं दुखों का डेरा। हृदय की गांठ खोलता ज्ञान खुशियों का लगे रोशनदान। झिलमिल करती…
स्वागत है नववर्ष तुम्हारा- मीरा सिंह “मीरा”
झिलमिल आया नवल सवेरा नव किरणें हैं डालीं डेरा। फुदक फुदक मन हुलस रहा है स्वागत है नववर्ष तुम्हारा।। आयी नूतन भोर सुहानी चलो लिखो अब नयी कहानी। आंखों में…
खुशियों की तलाश में- मीरा सिंह “मीरा”
नए साल की नयी सुबह नए सपने आंखों में सजाए नयी उम्मीदों की अंगुली थामे आंख मिचते आज पूरा पटना सड़कों पर नजर आया सड़कों पर जनसैलाब गजब उमड़ा था…
चूहा जी- मीरा सिंह “मीरा”
(बाल कविता) दौड़े दौड़े घर में आते ताक झांक करते चूहा जी। नए पुराने सारे कपड़े कुतर कुतर जाते चूहा जी। अम्मा मेरी है गुस्साई झट से चूहे दानी लाई।…