जीवन एक कर्म बंधन- सुरेश कुमार गौरव

जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…

सदा उपयोगी साईकिल- सुरेश कुमार गौरव

साईकिल की सवारी अब भी है खूब बड़ी न्यारी, चुस्त दुरुस्त रखती, प्रदूषण रहित है बड़ी प्यारी। जब पहली बार हाथ में आई थी यह साईकिल, चूमा और बढिया से…

सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव

वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…

नवांकुर पौधा- सुरेश कुमार गौरव

नवांकुर पौधा इसके उपर रंग-बिरंगे सुंदर फूल खिले, बैठे खगों के सुंदर मीठे स्वर वातावरण में मिश्री घोले। कोंपल से किसलय फिर तरुण अवस्था में मानो बोले, कुदरत का मानते…

अन्नदाता -सुरेश कुमार गौरव

भारतीय किसान जाड़ा,गर्मी,बरसात सभी मौसमों की मार झेलते हुए ,फसलों के नुक़सान का भी दर्द झेलते हुए सदा अन्नदाता के रुप में तत्पर रहते हैं इन पर केन्द्रित हमारी ये…

हवा में वासंतिक महक- सुरेश कुमार गौरव

खिल उठते चहुंओर फूल, सुंदर महक पलाश के प्रकृति ने फगुई फाल्गुन को,खूब लाया तलाश के। प्रेम यौवन का मधुमास, यह फाल्गुन ही बतलाती हवा में वासंतिक महक से, सरसों…

भारत गान – सुरेश कुमार गौरव

सबसे प्यारा और न्यारा अपना जग में हिंदुस्तान! “सत्यमेव जयते” से है, इसकी जग में पहचान!! “सर्वधर्म समभाव” का है, संदेश उचित प्रतीक! “अहिंसा परमोधर्म” है, ये बोल सर्वथा सटीक!!…

भारत विविधताओं में भी एकता का प्रतीक’-सुरेश कुमार गौरव

भारतीय संस्कृति का सदा बजता रहा है, विश्व में डंका, भारतीय जनमानस में क्या रहनी चाहिए कोई भी शंका? जहां देश से भी ऊपर माना जाता है, एक संविधान, यहां…

बाल श्रमिक की व्यथा-सुरेश कुमार गौरव

शिक्षा के मंदिर में जाऊं तो जाऊं कैसे! जैसे सब बच्चे हाजरी लगाते हैं जैसे!! है मजबूरियां मेरी और जिम्मेदारियां भी! शिक्षा के रोज गीत गाने का इरादा बदल गया!!…