हवा में वासंतिक महक- सुरेश कुमार गौरव

खिल उठते चहुंओर फूल, सुंदर महक पलाश के प्रकृति ने फगुई फाल्गुन को,खूब लाया तलाश के। प्रेम यौवन का मधुमास, यह फाल्गुन ही बतलाती हवा में वासंतिक महक से, सरसों…

हमारा मुल्क- जयकृष्णा पासवान

सोना था सोनाली कितनी, मुल्क हमारा परम निशान। देश में आकर बिखर गया, अंग्रेजी शासन का ऐलान।। सब भेदों से जाल गिराकर, फसा दिया भोला इंसान। सताने लगी अंग्रेजी बोली,…

नहीं परेशान हों- एस.के.पूनम

विद्या:-मनहरण घनाक्षरी🌹 शीत का शीलन घटे, ऊर्जा का प्रवाह बढ़े, खेत-खलिहान सजे,सुखद किसान हो। गेहूं की बालियां झुमे, खर-पतवार दिखे, हसुआ लेकर काटे,यही परवान हो। समीर बदला रूप, उष्णता शीतल…

सर्दी – अनुप्रिया

गर्मी दीदी के जाते ही सर्दी रानी आयी। हमें सताती हमें डराती रौब जमाती आयी। हमें बचाने को हैं उनसे रजाई भाई आये। उनके पोते स्वेटर-मफलर भी तशरीफ लाये। फिर…

प्रेम बड़ा अनमोल रतन है-मीरा सिंह “मीरा

प्रेम से हुआ जग रोशन हैं जीवन लगता सुखद सपन है। दुनिया लगती बहुत सुहानी प्रेम बड़ा अनमोल रतन है।। करें जहां पर प्रेम बसेरा दूर वहां से दुख का…

भारत विविधताओं में भी एकता का प्रतीक’-सुरेश कुमार गौरव

भारतीय संस्कृति का सदा बजता रहा है, विश्व में डंका, भारतीय जनमानस में क्या रहनी चाहिए कोई भी शंका? जहां देश से भी ऊपर माना जाता है, एक संविधान, यहां…

शांति का विकल्प-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

मनहरण घनाक्षरी छंद जब कभी युद्ध होता, शांति को मानव खोता, द्वंद में विनाश छिपा, संतों का है कहना। प्रेम भाईचारा जैसा, लड़ाई विकल्प नहीं, शांति प्रिय लोग चाहें, मिलजुल…