वंदना में झुके माथ – एस.के.पूनम

पार्वती के प्रिय पुत्र, एकदंत गणपति, आगवन घर-घर,लाए हैं आनंद साथ। मंदिरों के पट खुले, फूल माला खूब चढ़े, कुंज-कुंज शंखनाद,अंधेरे में दिखे नाथ। दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि, मध्य बैठे गजानन, भक्तों…

ओज़ोन दिवस – रणजीत कुशवाहा

आज दिवस है बहुत विशेष। ओज़ोन दिवस पर यह संदेश।। ज्यों बढ़ता कार्बन उत्सर्जन। घटे परत ओज़ोन दिनों -दिन।। वसुंधरा नित रही कराह। निकल रही ओज़ोन की आह।। अगर नहीं…

अभिलाषा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

महीनों के बाद मिला ये फल मेहनत का, हरा-भरा खेत देख, हँसता किसान है। बाँध और क्यारियों में लबालब पानी भरा, धानी सी चुनर ओढ़े, लह-लह धान है। पसीने की…

श्रम का मोल – संजीव प्रियदर्शी

श्रम तो है अनमोल जगत में महिमा इसकी अतुल-अपार जिसने मूल पहचाना इसका कदमों में पाया निखिल संसार श्रम ईश्वर है श्रम ही पूजा, है यह जीवन का आधार श्रम…

शिल्पजीवी को सत्कार – एस.के.पूनम।

विश्व धरा सृष्टिकर्ता, अद्भुत हैं विश्वकर्मा, दुनिया है अलंकृत,नमस्कार बारम्बार। श्रमसाध्य साधना के, अनन्त बधाइयों में, प्रणम्य प्रणेता को है एकमेव अधिकार। सुंदर द्वारिका बना, लंकेश महल बना, शिल्पकला बेमिसाल,शिल्पजीवी…

हरितालिका तीज व्रत- डॉक्टर मनीष कुमार शशि

हरी चुनर हरी है चूड़ी , सुहागन कर श्रृंगार। हिना हरी है काया कंचन, गीत गाये मल्हार॥१॥ भाद्रपद तृतीया तिथि , शुक्ल पक्ष संयोग। पाई सुहाग सुहागिने , हस्त नक्षत्र…

हे शिव शंकर – डा स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

शिव की शिवा शिवा के शिव हैं, हैं अनंत घट घट वासी। हे अविनाशी हे शिव शंकर, कृपा करो प्रभु सुखराशी। भाद्र शुक्ल की अद्भुत तृतिया, गौरी शंकर संग काशी।…

देश के कर्णधार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

लेखक, शिक्षक, सेना, कर्मचारी राजनेता, चिकित्सक,वैज्ञानिक सभी कर्णधार हैं। राष्ट्र निर्माण खातिर जो भी करें योगदान, काश्तकार मजदूर, बड़े शिल्पकार हैं। तन -मन- जतन से परिश्रम खूब करें, छोटा-बड़ा नहीं…

हिंदी भाषा – मनु रमण “चेतना “

हिंदी भाषा प्यारी लगे, सबसे ये न्यारी लगे, नानी की कहानी सुन,खुलता ये द्वार है। शब्द शक्ति खान यहांँ, गुण गाने जाएं कहांँ, मन मोहे मीठे बोल, भव्यता अपार है।…

हिन्दी ही पहचान है – भोला प्रसाद शर्मा

हिन्दी जगत का है इतिहास पर रोग लगा है अंग्रेजी खास ओके थैंकयूँ पर अधिक विश्वास शुभकामनाएं का न समय है पास मम्मी- डैडी मृत शब्द को बोले शुभ नाम…