राष्ट्रभक्ति – अमरनाथ त्रिवेदी

राष्ट्रभावना की प्रबल ज्वाल में , नवगीत नित्य गाता हूँ । स्वप्नों में दिव्य चिनगारी है वह , जिसे रोज लिए फिरता हूँ । प्राण समर्पण करने से राष्ट्रहित ,…