हम भारती के लाल – एस.के.पूनम

राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…

चाँद पर है प्रज्ञान – एस.के.पूनम

तीव्रगामी चँद्रयान, अनमोल ध्रुव पर, विजयी विज्ञान हुआ,अद्भुत था अभियान, झाँक कर देख रहा, अतीत के पन्नो पर, साल दर साल बीते,पाया अब महाज्ञान। भारती के हर लाल, चहाता था…

हम भारती के लाल – एस.के.पूनम

राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…

सोए को जगाइए – एस.के.पूनम

कलम के सौदागर, प्रमाण लेकर आज, जगत के सम्मुख खड़े,होकर दिखाइए। पन्ना-पन्ना भर गया, गहन चिंतन शोध, तिमिर को भेद कर,सोए को जगाइए। क्रांति की लालसा लिए, डूबे रहे विचारों…

रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम

संग्राम क्यों होते रहे, संघर्ष है विचारों की, अहंभाव समाहित,मन करे परेशान। केवल मानव नहीं, प्रकृति के कण-कण, द्वंदवाद से ग्रसित,यह देख हूँ हैरान। स्वर्ण युग की लालसा, लुप्त हुआ…

बाल कविता – एस.के.पूनम

बाल मन कहाँ रुके, कहीं नहीं वह झुके, खेल खेले मस्त-मस्त,होए न पस्त कभी। नदी तीर रोज जाते, बालू से घरौंदा बने, महल हो सपनों का,नहीं सोचते अभी। सुबह को…

मनहरण – एस.के.पूनम

पहले भी छोड़ा यान, पहुँचा चँद्रमा पर, भटका था वह राह,गुमनामी में खोया। भारत की गरिमा का, इतिहास है पुराना, अनगढ़ अविष्कार कहने पर रोया। राष्ट्रवाद का अगन अभियान बन…