अच्छा लगूंगा – अवनीश कुमार

मै अच्छा लगूंगा ही नहीं अच्छा दिखूंगा भी सही मै अच्छा लगूंगा ही नहीं अच्छा दिखूंगा भी सही मेरी कमियों को किनारे रख देख तो सही मेरी खूबियों को खूबसूरती…

लोक-लज्जा- अवनीश कुमार

ख़ून से लथपथ एक काया. फ़ेंका गया था लहरताल मे उपजी झाड़ियों मे रो रहा था शिशु बिलख-बिलख कर ईश्वरीय संयोग हुआ कुछ ऐसा नव विवाहित युगल की बग्घी उतरी…

माँ शारदे-अवनीश कुमार

माँ शारदे माँ शारदे हम करे तेरी वंदना दया करना हम करे तेरी आराधना। विद्या की तू है अधिष्ठात्री करे तेरी वंदना दिवा व रात्रि। शुद्धता का प्रतीक है तेरी…

मैं हूँ कितना भाग्यवान-अवनीश कुमार

मैं हूँ कितना भाग्यवान मैं हूँ कितना भाग्यवान जिसे मिला इतना सम्मान पढ़-लिखकर नाम रोशन किया माँ-बाप का नाम उजगार किया धैर्य साहस है सफलता की कुंजी यही है जीवन…

विद्यालयस्य गीतं-अवनीश कुमार

विद्यालयस्य गीतं अस्ति सुंदरं मनभावनम् पवित्र पावनम्।  उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूर्व प्राँगनम्।। विनयशीलं शिक्षा प्रदाता गुरुजना:। मृदुभाषिणि विद्यादात्री गुरुमातर:।। शीलं अनुशासनं उच्च कोटिकम्। सुंदरं चरित्र विकसितं यस्य प्राँगणम्।। अस्ति…