है बेबस धरती – एस.के.पूनम

मनहरण घनाक्षरी बहती है कलकल, सोचती है हरपल, सूखे नहीं नीर कभी,यही दुआ करती। तट पर आशियाना, साधु-संतों का ठिकाना, होता यशोगान हरि,वेदना को हरती । गर्भ में जहान पले,…

मधुमास की घड़ी – एस.के.पूनम

काली कच लहराई, विन्यास निखर आई, हाथों में मेंहदी लगे,प्रतीक्षा में थी खड़ी। सोलह श्रृंगार कर, वरमाला डाल कर, साक्षी बने दीया-बाती,चरणों में थी पड़ी। सवार थे अश्व पर, धरा…

उसे नित्य सींचिए – एस.के.पूनम

विधा:-मनहरण घनाक्षरी कानन से वृक्ष कटे, शीत भरी छाया हटे, तप्त हुई वसुंधरा,नीर मत पीजिए। यत्र-तत्र कूडादान, चल पड़ा अभियान, गंदगी से मिले मुक्ति,निर्णय तो लीजिए। मेघपुष्प सूख रहे, जीव-जंतु…

कसक किसानों की – एस.के.पूनम

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी (कसक किसानों की) लालिमा के संग जागे, टोकरी उठाए भागे, ढूंढ रहे फलियों में,श्रमदान महानों की। पग धरे तप्त धरा, सूख गए बाग हरा, कृषक…

वट सावित्री – एस.के.पूनम

त्याग की मूर्ति है नारी, खुशियाँ देती हैं सारी, दिलाती है पहचान,सब कुछ त्याग कर। मायका को छोड़ आती तन,मन,धन,लाती, गागर भरती रही,हृदय में प्रीत भर। जीवन में संग तेरे,…

मतदान- एस.के.पूनम

विधा:-जलहरण घनाक्षरी विषय:-मतदान। चुनाव का शंखनाद, स्वपनों का डाले खाद, देने को वचनबद्ध,नव रीत गढ़कर। पूनम की चाँद आज, करे कुछ ऐसा काज, नेता हाथ जोडकर,वोट माँगे मढ़कर। मतदान अधिकार,…

सम्मान मिले अपार- एस.के.पूनम

विधा:-रूपघनाक्षरी सम्मान पाकर कवि, पाते हैं हर्षित छवि, नित्य दिन लेख छपे,ऐसा करे विचार। आलस्य को त्याग कर, शनैः शनै अभिसार, रुका नहीं लेखयंत्र,नित्य करे नवाचार। दवात में भरे स्याही,…

कैसी ये पहेलियाँ- एस.के.पूनम

मनहरण घनाक्षरी (कैसी ये पहेलियाँ) पतझड़ में पत्तियां, दूर चली उड़कर, शांत मौन नभचर,सूनी-सूनी डालियाँ। कलियाँ भी मुर्झाकर, बिखरी है सूख कर, मंडराता मधुकर,अब कहाँ क्यारियाँ। चमन उजड़ गया, उड़…

रूपघनाक्षरी- एस.के.पूनम

प्रभु रामचंद्र कहें, संतन के संग रहें, उदार भावना गहें,पूजनीय सतनाम। नित्य प्रति पाठ करे, दुजा कोई काम परे, भक्तों का विपदा हरे,लेते रहें हरि नाम। जात-पात भेदभाव, हृदय में…