अदृश्य शक्ति -जयकृष्ण पासवान

कण-कण में तू व्याप्त है, निराकार बनके मौन । हर लम्हा होता महसूस तेरा, तेरे बिना उबारे कौन।। विश्वास फूल की माली बनी, सुगंध तेरा बसेरा। भंवरे तो परागन ले…

नारी शक्ति -जयकृष्ण पासवान

चंडी की अवतार तू अबला, जग है तेरे रखवाले। रुप धारण की आन पड़ी है, अब तेरे किस्मत उजियारे।। “धधक रहा ज्वाला मन की” इसको तुम प्रतिकार करो। झुको नहीं,रूको…