दोस्ती – जयकृष्ण पासवान

Jaykrishna

दोस्ती तो दिल का बंधन है,
दोस्ती ललाट का चंदन है।
दोस्ती तो सागर में लहरों के समान है,
दोस्ती पहाड़ों में झरनों के समान है।।
दोस्ती तो फूलों में कलियों के समान है,
दोस्ती बागों में भंवरों के समान है।
दोस्ती तो खुदा की इबादत है,
दोस्ती दिल की सजावट है ।।
दोस्ती तो इन्द्र-धनुष के समान है ,
दोस्ती , दोस्तों का जुवान है ।
दोस्ती तो क्षमा और दया का प्रतीक है ।
दोस्ती हार कर भी जीत का प्रतीक है ।।
दोस्ती तो सुदामा का प्रेम है,
दोस्ती कृष्ण का मिलन है।।
दोस्ती तो पायल का झंनकार है”दोस्ती दिल का पुकार है”।
दोस्ती आंखों में काज़ल के समान है ,
दोस्ती ज़ख्मों में मरहम के समान है ।।
दोस्ती तो गंगा जमुना का मिलन है ,
दोस्ती प्यार का चमन है ।।
दोस्ती तो सब तीर्थों के समान है ,
दोस्ती ही दोस्तों का चारों धाम है ।।
दोस्ती तो एक मुस्कान है,
दोस्ती में ही दोस्तों का जान है ।।
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जयकृष्ण पासवान स०शिक्षक उच्च विद्यालय बभनगामा,बाराहाट (बांका)

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