योग बिना जीवन बेकार

योग बिना जीवन बेकार युग-युग की यही पुकार, योग बिना जीवन बेकार। जो नहीं योग करता, दिन-प्रतिदिन रोग गढ़ता। मोटापा, बीपी, शुगर, इससे वह नही बचता।। समय मिले न घड़ी…

योग – धीरज कुमार

मिलता है बहुत मुश्किल से मानव शरीर। गलत दैनिक क्रिया से रोग पालते है गंभीर।। समय रहते योग के महत्व को समझना और समझाना है। अभी भी देर नहीं हुआ…

योग – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

शेक्सपियर सानेट शैली देह का मन से मिलन करिए। प्रभु से नाता मन से जोड़ें। धैर्य नियम को प्रतिदिन धरिए ध्यान आसन की छाप छोड़ें।। योग जीवन सुंदर आयाम कर्म-कुशलता…