छ्ठ मैया की महिमा निराली
खड़ें है हर घाटों में ,
हैं सूप हाथों में लेकर ।
लगा रहे हैं जयकारे ,
जय हो छ्ठ मैया तुम्हारी ।
देउरा भरे ठेकुआ से,
सेब नारंगी केला से ।
मन्नत पूरी करती सब,
जय हो छठ मैया तुम्हारी ।
नारियल , सिंघाड़ा और गन्ना,
तुमको अर्पण करते हैं ।
अपनी व्यथा सुनाते हैं,
जय हो छठ मैया तुम्हारी ।
बच्चें – बूढ़े सभी की काया,
तुम्ही निरोग रखती हो।
निर्मल – पावन यह व्रत है,
जय हो छठ मैया तुम्हारी ।
लोक आस्था का महापर्व है यह,
लोगों का यह है विश्वास ।
कृपा सदा बनी रहे हम पर,
जय हो छठ मैया तुम्हारी ।
देश – परदेश हर ओर,
इसकी महिमा मिलती चहुँओर ।
धनी – निर्धन सबका व्रत है यह,
जय हो छठ मैया तुम्हारी ।
आशीष अम्बर
( विशिष्ट शिक्षक)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड – केवटी
जिला – दरभंगा
बिहार
