हे देश !

हे देश ! हे देश नमन मेरा तुझको तुमने मुझपर उपकार किया, माँ की ममता दी मिट्टी ने सरहद ने पिता का प्यार दिया। गंगा-यमुना सी बहनें दी एक समृद्ध…

कारागृह की वेदना-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

  कारागृह की वेदना करुण” क्रंदन से “कारागृह”     कांप उठा वह कक्ष-निरीह, “काल” ने कैसा खेल रचा      कोठरी में था हाहाकार मचा।    मौन “कोठरी” सब…