पंछी कौआ मामा बैठ छतों पर, कांव-कांव कर रहे। बच्चे पूछते हे मामा, अतिथि मेरे घर आ रहें।। कोयल बैठी ऊंची डाल पर, कू कू कू कू कर रही। उनकी…
Author: Ashok Kumar
योग-अशोक कुमार
योग दिनभर व्यस्तता के बाद, रात को आराम करें। सुबह जल्दी उठकर, आओ चले व्यायाम करें।। सुबह-सुबह दौड़ लगाएं, शरीर में चुस्ती फुर्ती लाएं। नित्य क्रिया करके हम, सभी रोगों…
मछली रानी-अशोक कुमार
मछली रानी मछली रानी मछली रानी, जीवन है उसका पानी। जल में वह भाग दौड़ करती, ऊपर नीचे तैरा करती।। जल ही उसका घर द्वार, उसमें करती है बाजार।…
मैं हूं नारी-अशोक कुमार
मैं हूं नारी मैं भारतीय नारी हूं, मैं संस्कृति सभ्यता की जननी। है जीवन जीने की अभिव्यक्ति, खुद से निर्णय लेने की भी है शक्ति।। मुझे सोचने विचारने की अभिव्यक्ति,…