मनहरण घनाक्षरी श्रीकृष्ण 1:- हे कान्हा सुनो पुकार, हम आए तेरे द्वार, विनती करो स्वीकार, भव पार कीजिए। दे दो आशीष अपार, हो प्यारा यह संसार, तुम हो प्राण आधार,हमें…
Author: Kumkum Kumari
चिराग बन चलता चल
चिराग बन चलता चल जिंदगी की राह में, कदम मिला के चलता चल। गम मिले कि मिले खुशी, तू मुस्कुरा के बढ़ता चल। यह न सोच कि क्या मिला, जो…
समाधान-कुमकुम कुमारी
समाधान माना कि बहुत है मुश्किलें, मत कर तू बखान। कर सको तो कर लो, इन मुश्किलों को आसान। कमियों को गिनाना, होता बहुत आसान। ढूंढ सको तो ढूंढो,…
स्तुति-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
नवदुर्गा पूजा मेरी स्वीकारो माता, जग-जननी जगदंबे माता। नवरूप धर मेरी प्यारी मैय्या, घर में मेरे पधारो माता। पूजा मेरी…………………. प्रथम रूप शैलपुत्री माता, हृदय बीच समाओ माता। अपनी अनुपम…
आओ वैक्सीनेशन कराएँ-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
आओ वैक्सीनेशन कराएँ कोरोना ने जन-जन को बहुत रुलाया है हम सबके जीवन को अस्त-व्यस्त बनाया है हमारे वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास से देखो अब कोरोना वैक्सीन बनाया है इसलिए…
कृष्ण भजन-कुमकुम कुमारी
कृष्ण भजन मेरे श्याम सुंदर प्रभु नंदलाला आ जाओ गोवर्धन गोपाला तेरा रास्ता निहारे हम बृजवाला आ जाओ गोवर्धन गोपाला मेरे श्याम सुंदर…………… जिसने कारागार में जन्म लिया और नंदगाँव…
प्रीत जहाँ की रीत सदा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
प्रीत जहाँ की रीत है प्रीत जहाँ की रीत सदा, हम उस राष्ट्र की बाला हैं। जहाँ की माटी का कण-कण, मानवता का रखवाला है। भारत प्यारा देश हमारा, सब…
राम कथा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
चौपाई (राम कथा) कमल नयन हरि के अवतारे। त्रेतायुग में अवध पधारे।। सुंदर सुकोमल रूप न्यारा। देख हुआ पावन जग सारा।। अपने संग अनुज को लाए। नृप दशरथ के मान…
बेजुबान-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
बेजुबान जरा देखकर गाड़ी, चलाओ गाड़ीवान। तेरी लापरवाही से निकल जाता कितने बेजुबानों का प्राण। मारकर ठोकर उनको, तुम कर देते हो लहुलुहान। राह पर तड़पता छोड़, क्यों निकल जाते…
जय गंगा मैय्या-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
जय गंगा मैय्या हर हर गंगे, नमामि गंगे। पतितपावनी, मोक्षदायिनी गंगे। भगीरथ के तपोबल से गंगा, वैकुण्ठ छोड़ धरा पर आई। महादेव के जटा में समाकर, निर्मल धार धरा पर…