माँ शारदे माता तुम्हारे चरणों की दासी हूँ दातिये। तेरे स्वरूप को मेरी अँखियन प्यासी है दातिये! मुझे वर दे, मुझको स्वर दे, ओ मां शारदे -2 माँ तुझको पुकारूँ…
Author: Nutan Kumari
समाज में किन्नर जाति-नूतन कुमारी
समाज में किन्नर जाति ईश्वर ने मुझको जन्म दिया, माता के गोद में मैं भी पली, मेरे भी रगों में लहू बहे, वो रक्त वर्ण भी लाल रहे,…
शरद का चाँद-नूतन कुमारी
शरद का चाँद आज पूर्णिमा शरद की आई, चाँद ने अपनी छटा बिखराई, गगन से अमृत बरस रहा है, प्रकृति ने भी यूँ ली अंगराई। सोलह कलाओं से युक्त चंदा,…
नन्हा भईया-नूतन कुमारी
नन्हा भईया एक है मेरा नन्हा भईया, उसके घुंघराले से बाल, छोटे छोटे पैर हैं उसके, चलता वह मतवाली चाल। उसका हँसना और मुस्काना, मन को बहुत लुभाता है,…
मोबाइल-नूतन कुमारी
मोबाइल आज विश्व में जाल बिछा है, हरेक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, हर बच्चा इसके जरिए ही, अपने स्कूल से जुड़ा हुआ है। आज की शिक्षा इसपर निर्भर,…
वो शिक्षक ही है-नूतन कुमारी
वो शिक्षक ही हैं हरेक बाधाओं को पार कर, जो हमें चलना सिखलाता है, चेतना में भर आशा की किरण, जो जीवन जीना सिखलाता है, ताउम्र जो शिक्षा का संचार…
प्रतीक्षा-नूतन कुमारी
प्रतीक्षा व्याकुल हृदय में व्यथा भरी, मन मायूसी से घिरा हुआ, मेरे हरि ! मेरे अंतरयामी ! प्रतीक्षा का अंत कर दो ज़रा। कभी घोर तमस हो जीवन में, नहीं…
मां-नूतन कुमारी
मां तेरा विस्तार करुँ कैसे ओ माँ, तू शब्दों का मोहताज नहीं, तेरा वर्णन दिव्य अलौकिक है, यह मेरे वश की बात नहीं। ईश्वर भी नतमस्तक होते, तेरी ममता से…
आज़ादी के नग्में-नूतन कुमारी
आज़ादी के नगमें स्वर्णिम इतिहास की गाथा, संजोकर दिल में अपने हम, ख़ुशी के गज़लें, आज़ादी के हम नग्में सुनाएंगे। पहुंचे प्रेम की पराकाष्ठा अपने चरम सीमा पर, सभी के…
गंगा-नूतन कुमारी
गंगा मोक्षदायिनी गंगा सर्वस्व समाहित कर जगत को निरंतर करती दुलार मां समान। कल्याणकारी गंगा इक बूंद से तृप्ति हो ऐसी ज्यों बुझी तृष्णा अनंत जन्मों की। पतितपावनी गंगा…