पिता-सुरेश कुमार गौरव

 पिता  पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है। खुद दुःख सहता जीवन और संतान का दुखहर्ता हैं परिवार के सभी…

नादान मानव – संगीता कुमारी सिंह

नादान मानव प्रकृति मॉं ने कितना समझाया, सतर्क ,सावधान किया, न माना मानव, तो डराया, धमकाया, पर नादान मानव! जिद पर अड़ा हुआ है, चाँद पाने की ख्वाहिश में, धरती…

गंगा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

पापनाशिनी मोक्षदायिनी। पुण्यसलिला अमरतरंगिनी। ताप त्रिविध माँ तू नसावनी तरल तरंग तुंग मन भावनी।। भक्ति मुक्ति माँ तू प्रदायिनी सकल जगत के दुख हारिणी। जग का पालन करने वाली सबके…

चलो पढ़ने स्कूल जी-मेराज रजा

चलो पढ़ने स्कूल जी मार-पिटाई भूल जी, चलो पढ़ने स्कूल जी। रेशमा, सुधा, नजमा, पूजा, आओ-आओ सब साथ चलें। अपना-अपना बस्ता ले लो, जाना है स्कूल छांव तले। खूब पढ़ना…

बाल दिवस-लवली कुमारी

बाल दिवस आओ सुनाएँ एक कहानी, बाल दिवस की गाथा जुबानी, इलाहाबाद के एक संपन्न परिवार में, 14 नवंबर को, एक वीर सपूत जन्मे इस देश में, उच्च योग्यता, अच्छी…

राखी का त्योहार- अश्मजा प्रियदर्शिनी

राखी का त्योहार सावन में इन्द्रधनुषी रंग है राखी का त्योहार  सप्त ऋषियों के ज्ञान को समेटे राखी का त्योहार  सप्त तुरंग की दौड़ हैं जैसे राखी का त्योहार  फूलों…