छठी मैया तोहरो त्योहार। छठ गीत नियम धरम सेएअ हम कईलौं, छठी मैया तोहरो त्योहार। करलौं में छठी के वरतियाकईलौं नहाय-खाय,कदुवा भात। करलौं हम खरना उपास, सहलौं दिन अरबा खेलौं…
Author: PRIYANKA PRIYA
छठ-राम किशोर पाठक
छठ-महापर्व- गीत (प्रदीप छंद) झूम रहा है मन मयूर अब, पूरण होगी आस हो।सूर्य देव की करे साधना, मन में रख विश्वास हो।। चार दिनों का है व्रत पावन, मानवता…
आस्था न होगा कभी दूजा, ये है हमारा छठ पूजा – रवि कुमार
आस्था न होगा कभी दूजा, ये है हमारा छठ का पूजा।व्रतियों ने खुद को इस तप में भूंजा, इसलिए आज छठ पूजा विश्व में है गुंजा ।। छत्तीस घण्टे का…
क्या तुमने कभी देखा है – अवनीश कुमार
(मानवता के आईने में झाँकती एक कविता) क्या तुमने कभी देखा है…बेबस, लाचार हर उस औरत कोजो ढो रही है अपनी जिम्मेदारियों कोअपने सामर्थ्य की अनंत सीमा से परे जाकर।…
अरघ केरऽ बेरिया नु हो- राम किशोर पाठक
अरघ केरऽ बेरिया नु हो – छठ गीत कर जोड़ी करिले विनतिया सुनह सुरुज बतिया नु हो।आदित करूँ नहीं देरिया अरघ केरऽ बेरिया नु हो।। जोड़े-जोड़े फलवा और सुपवा मंँगइले।सूरज…
प्यारा स्कूल – निवेदिता कुमारी
प्यारा स्कूल मैं ये कहाँ आ गई हूँ,ये सवाल मन में आया है,माँ के साथ जब पहली बार,अनोखे जगह पर पाई हूँ,पढ़ ना पाई मैं नाम कुछ था,बड़़े अक्षरों में…
समस्या – बैकुंठ बिहारी
समस्याजीवन का अभिन्न अंग है समस्या,सुख का साथी है समस्या,दुख का साथी है समस्या,भूत का साथी है समस्या,वर्तमान का साथी है समस्या,भविष्य का साथी है समस्या,कर्म का साथी है समस्या,विकर्म…
मां की लाल साड़ी – अवधेश कुमार
माँ की लाल साड़ीअलमारी के कोने में अब भी टंगी है वो लाल साड़ी,जिसमें बसती है माँ की मुस्कान — प्यारी, आत्मीय, सादगी से भरी।दीवाली की रात हो या छठ…
पानी – गिरींद्र मोहन झा
पानी तू रंगहीन होती, फिर भी तेरे रंग अनेक,श्रेष्ठ विलायक बनकर तू कितनों को करती एक,आंखों का पानी, हो सबके आंखों में थोड़ा पानी,ऐसा कृत्य न कर कि होना पड़े…
रामायण पढ़ते हैं – राम किशोर पाठक
गीतआओ चिंतन कर लें थोड़ा, जो खुद गढ़ते हैं।गाथा सुंदर रामायण की, हम-सब पढ़ते हैं।। आओ चिंतन कर लें थोड़ा, जो खुद गढ़ते हैं।गाथा सुंदर रामायण की, हम-सब पढ़ते हैं।।…