विज्ञान टीएलम बनाते बच्चे – अवधेश कुमार

खिलखिलाती आँखों में चमक नए विचारों की,गुरुजी जगाते चिंगारी सृजन-संसारों की।कागज़, रंग और विज्ञान के छोटे-छोटे खजाने,बना जाते हैं ऐसे टीएलएम जैसे बच्चों के नजराने । जहाँ किताबें देतीं राहें,…

नाइट शिफ्ट की संवेदना – अवधेश कुमार

कभी आओ जो फुर्सत में,तो कुछ बातें कर लें,जो ठहर गई है ज़िंदगी,उसका भी हिसाब कर लें। शाम से सुबह तक जागती हैं ये आँखें,इंतज़ार की सलवटों में डूबी,कितने सवालों…

नमन तुम्हें है विधाता – राम किशोर पाठक

श्याम समवर्णिक छंद नमन तुम्हें है विधाता।सबल हमें जो बनाता।।अगर तुम्हें रास आता।सहज बने सर्व ज्ञाता।। हम-सब अज्ञान पाले।मगन सभी ज्ञान वाले।।तुम करुणा दान दे दो।अजय बने मान दे दो।।…

विज्ञान शिक्षकों का प्रशिक्षण – अवधेश कुमार

विज्ञान शिक्षकों का प्रशिक्षण एक कल का दिन था, बीत गया कहानी बनकर,आज नई सुबह है, आई सुनहरी किरणें बुनकर।एक उम्मीद का सूरज, IRISE बनकर आया,ज्ञान का दीप जलाकर, राहें…

हे मां देवी – रामपाल प्रसाद सिंह अनजान

दंडक छंद6,11,15,10 हे माॅं देवी,कल्याणी पापहरणी,तेरी जय हो महागौरी,कर अघ का धावन। जले दीप,-धर्म द्वार दिन-रात,भजन कीर्तन करे प्रसन्न,स्नेहिल मन ऑंगन। हे दिव्या, श्वेतांबरी माते,चढ़ाऊॅं रौली कुमकुम फल,करुॅं श्लोक पाठन।…

काशक फूल – अवधेश कुमार

काशक फुलधरती पर जब सरदक पइैन झरिक गेल,हवा हलर-हलर बहि रहल,ओकर संग गामक गाछ-बिरिछ झूमि-झूमि उठल,तखन हरियर खेतक बीच सँसफेद आ नीलल उजासक झलक द’ रहल अछि –काशक फुल। काश,जकर…

गुलाब की कामना – अवधेश कुमार

ये गुलाब समर्पित हैं उन्हें,जिनसे हमने सच्चा प्रेम किया है —निश्छल, अनवरत, बंधनहीन प्रेम। जैसे ही उनकी याद आती है,चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है।ये अहसास रोज जन्म लेता है,पर…

एक बाल मन की कमेंट्री – अवधेश कुमार

ग्राउंड में जब आई धूम,एशिया कप का था फाइनल बूम बूम।पाकिस्तान आया बड़े जिगरी मिजाज में,सोचा, जीतेंगे हम, छक्के-छक्के बाज़ार में। पर बल्ला शुरुआत में बोला साहिबजादा फरहान और फखर…