भारत की बिन्दी-विनय विश्वा

मैं हिन्दी हूं जननी जन्मभूमि मातृभाषा हूं खड़ी बोली खड़ी होकर मर्यादित,अविचल‌ आधार हूं मैं भारत की श्रृंगार हूं। इतिहास से लेकर अब तक मैं सिंध से हिन्द, हिन्दी कहलाई…

देश है एक-दीपा वर्मा

देश है एक, भाषाएँ अनेक। जिसमें हिंदी है एक, मातृ भाषा कहलाती है। देश प्रेम दर्शाती है, अभिव्यक्ति का मुख्य साधन है, भाषाओं की जननी है। मन की बात तुरंत…

शान है “हिंदी” -डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

जान है हिन्द जुबान है हिंदी प्यारे वतन की “शान” है हिंदी , शब्द-कोश की सबसे सुन्दर “मातृभाषा” का नाम है हिंदी । पूज्य है जितनी जन्मभूमि उतनी ही प्यारी…

जालिम सर्दी-मीरा सिंह

आयी जब से जालिम सर्दी सबका जीना मुश्किल कर दी। छाया है चहुंओर कुहासा देखो सर्दी की बेदर्दी। सन सन करती पछुआ हवाएं कांप रही है पूरी धरती। मौसम लगता…

मित्रता की सार्थकता-सुरेश कुमार गौरव

जब जीवन में मिलते हैं सच्चे और अच्छे मित्र मन मस्तिष्क में उभरते हैं सार्थक जीवन चित्र! मित्र है वह जो हमारे अतीत काल को जानता है हमारे भविष्य में…

आपदा-मधु

आपदा है हम सब पर भारी लड़ने की करें हम पूरी तैयारी। आपदा को जाने और समझे, लड़ने की हर रणनीति को समझे। आती नहीं बताकर आपदा, सालों साल सताती…