बेटी धन अनमोल मेरे जन्म से पापा क्यों डरते हो, मुख अपना मलिन क्यों करते हो? बेटी हूँ कोई अभिशाप नहीं, फिर मन को बोझिल क्यों करते हो? इस बात…
Author: Shivendra Suman
हिंदी मन प्राण की भाषा-रूचिका
रात के स्वप्न से लेकर दिन की हकीकत तक सुबह की रोशनी से लेकर रात के अंधकार तक, साँसों के आने से लेकर साँसों के जाने तक, टूटती उम्मीदों से…
बेटी धन अनमोल – कुमकुम कुमारी
मेरे जन्म से पापा क्यों डरते हो, मुख अपना मलिन क्यों करते हो? बेटी हूँ कोई अभिशाप नहीं, फिर मन को बोझिल क्यों करते हो? इस बात को पापा भूल…
और हम छूट गए-चंचला तिवारी
और हम छूट गए तुम चले गए पर हम छूट गए। वक्त बीत गया पर हम छूट गए। सुनी पड़ी आँखों से, भरे हुए दिल से, तुम्हे बिदा किया पर…
ख्वाब-श्री विमल कुमार
वो ख्वाब था एक सपना था एक हकीकत था एक यादगार था। एक तेज आंधी आयी तूफान की झोंका आयी जीवन के सपनों को मरोड़ गयी सपना चकनाचूर हो गयी।…
श्रद्धा सुमन-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
तिनका तिनका जोड़ कर टी ओ वी सा महल बनाया। अपने शब्द,स्नेह और ज्ञान से शिक्षकों ने इसे सजाया।। नाम, चेहरा, कर्म से हम एक- दूसरे से थे अनजान। विवेक,…
अपना भेज के अंतिम संदेश-रमेश कुमार मिश्र
अपना भेज के अंतिम संदेश,छोड़ के अपना देश, परदेश तुम चले गए,परदेश क्यों चले गए बदल के अपना भेष,खुश रहने का दे संदेश,कहो न क्यों चले गए,कहो ना क्यों छोड़…
शिक्षक की चाह-अपराजिता कुमारी
मैं शिक्षक हूंँ, हाँ मैं शिक्षक हूंँ मैंने चाहा शिष्यों को शिखर तक ले जाने वाला बनूं, मैंने चाहा अपने मन में क्षमा की भावना रखूं, कमियां दूर कर उनमे…
ज्ञान के भण्डार हैं शिक्षक-एम० एस० हुसैन कैमूरी
शिक्षा के सूत्रधार हैं शिक्षक ज्ञान के भण्डार हैं शिक्षक हैं सदैव सृजनकर्ता बुद्धि के निज राष्ट्र के आधार है शिक्षक सदा ही ज्ञान का चक्षु खोलकर करते ज्ञान की…
शिक्षक दिवस -हर्ष नारायण दास
शिक्षक दिवस शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता।…