बचपन-प्रीति कुमारी

बचपन कभी-कभी तन्हाइयों में, याद आतीं बचपन की बातें। भरा-पूरा परिवार हमारा, पल-पल मन को था महकाता। काश कि बचपन लौट के आता।। दादा-दादी का वह आँगन, लगता था कितना…

लाल बहादुर शास्त्री-कुमकुम कुमारी

  लाल बहादुर शास्त्री गरीब के वे लाल थे गरीबी के दर्द को वे समझते थे सादगी जिनकी पहचान थी ईमानदारी जिनकी जान थी देश के मंत्रियों के वे प्रधान…

बापू एक सुविचार-लवली वर्मा

बापू एक सुविचार बदलती जिससे जीवन की दिशा, बापू तुम हो ऐसा विचार। अहिंसा के पथ पर चलकर, तुमने किये हैं चमत्कार। बापू तुम हो ऐसा विचार।। देख तेरी कर्मयात्रा,…

हमारी कविता-गिरिधर कुमार

हमारी कविता मुझे पता नहीं कैसी है हमारी कविता सुंदर, असुंदर या और कुछ बच्चों की किलकारियाँ शरारतें स्लेट पर खींची आड़ी तिरछी रेखाएँ  उनमें झाँकती भविष्य की आशाएँ  पतंग…