जीवन तो सीखते जाना है सुख से सीखें, दुःख से सीखें खुशियाँ हो या गम से सीखें मैत्री भाव हो व्याप्त जगत मे रिपु अपना कोई नहीं अपनों का सम्मान…
Author: Vijay Bahadur Singh
कलम पतवार है-अनुज कुमार वर्मा
कलम पतवार है मुसीबतों में जब, सब होते नतमस्तक, तब कलम की ही होती दस्तक। इसके चाहने वालों की लंबी कतार है, ये कलम, कलम नहीं पतवार है। सरस्वती का…
हंसवाहिनी वंदना-सुबह सवेरे-शालिनी कुमारी
हंसवाहिनी वंदना हंसवाहिनी मां शारदे तू ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश दे तम को मन से दूर कर तू राग जीवन में तू भर दें जग के छल, माया, प्रपंच से माँ…
विनती सुन लो-देव कांत मिश्र दिव्य
विनती सुन लो विनती सुन लो हे करतार आया हूँ मैं तेरे द्वार। सपना मेरा हो साकार विद्या का भर दो भंडार।। देते गुरु हैं ज्ञान अपार मातु पिता जीवन…
मेला-कुमारी अनु साह
मेला एक थी गुडिया रानी बहुत होशियार और सयानी । एक दिन घूमने गई वो मेला मेले में देखा एक ठेला । बिक रही थी उस पर तरह-तरह की मिठाई…
संगीत कहाँ नहीं है-भोला प्रसाद शर्मा
संगीत कहाँ नहीं है संगीत कहाँ नहीं है। ममता की लोरी में बच्चों के किलकारी में कोयल की कू-कू में पपीहा की पीहू-पीहू में गाड़ी के भोंपू में बाजू के…
तितली-रानी कुमारी
तितली तितली रानी, तितली रानी बोलो कहाँ से आती हो रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे इतने रंग कहाँ से लाती हो बोलो कहाँ से आती हो कभी इस फूल पर, कभी उस…
अंतर-अवनीश कुमार
अंतर कुछ कर दिखा इस जमाने में बता दे दुनियाँ को नहीं है मानव-मानव में अंतर आज दिख रहा जो जमाने मे अंतर ये अंतर न रहेंगे निरंतर ये अंतर…
ज्ञान का दीप-अशोक कुमार
ज्ञान का दीप आओ मिलकर हमसब, ज्ञान का दीपक जलाएँ। फैलाएँ खुशियाँ चारो ओर, चलो बच्चों को हम सब सिखाएँ।। नन्हे मुन्ने बच्चे होते मन के सच्चे, आओ हम भी…
रिश्ते-अर्चना गुप्ता
रिश्ते रिश्ते होते हैं अमूल्य धरोहर समरस जीवन होते सुखकर हृदय के हर भाव को समझे बहते जैसे निर्झरिणी निर्झर मधुर भावों से सजा उपवन हर रिश्तों का मान रखें…