मां की ममता-शिवेंद्र शिवम

मां की ममता बसंत जैसी ऋतु हो तुम। पूर्णिमा की हो चांद।। ममता की आंचल पसारे। करुणा सागर समान।। तेरी ह्रदय से पृथ्वी छोटी। ममता तेरी सबने देखी।। अपने हाथ…

विद्यालयी बच्चेे-मुकेश कुमार

विद्यालयी बच्चे यह बच्चे, प्यारे बच्चे, हमारे बच्चे, जब सुबह विद्यालय आते हैं, विद्यालय प्रांगण खिल जाता है, वातावरण सुंदर हो जाता है। जब हम प्यार से पढ़ाते हैं, बच्चे…

शांति-दिलीप कुमार गुप्त

शांति यह जग परमपिता की माया नश्वर काया तनिक विचार करें परस्पराश्रयी अनमोल जीवन सबका समुचित सम्मान करें। दुराग्रह गहन तिमिर से निकल स्वर्णिम आभा चहुंओर करें अहर्निश सत्य पथ…

जन्मभूमि-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

जन्मभूमि जन्मभूमि की पावन स्मृति खत्म कभी मत होने दें। नील गगन से देख विहग नीड़ कभी न खोने दें।। देश-भक्ति की सलिला में नित मिलजुल हम स्नान करें। मन…

नववर्ष चैत्र मास-सुरेश कुमार गौरव

नववर्ष चैत्र मास प्रकृति प्रदत्त इस नव वर्ष चैत्र मास का, जब होता शुभ प्रवेश! पेड़-पौधों, फूल, मंजरी, कलियों में, तब आ जाते नव आवेश!! नव वातावरण का नूतन उत्साह,…

हे मानव-भवानंद सिंह

हे मानव हे मानव, ईश्वर तुम्हें बनाया किस लिए, जगत का तुम कल्याण करो, तुम्हारा जन्म हुआ इसलिए। हे मानव, तुम अपनी शक्ति को पहचानो, ईश्वर के तुम उत्तम संतान…