बच्चों का सर्वांगीण विकास
बच्चों का मन चंचल चितवन है,
हम उन पर लिख देंगे इतिहास,
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर,
देंगे ज्ञान का अलौकिक प्रकाश।
खेल-खेल में सीखते हैं बच्चे,
छू लेंगे इक दिन वह आकाश,
ख्याति फैलेगी चहुँ ओर उनकी,
ऐसा ह्रदय में है अटल विश्वास।
नित दिन करते हम सफल परीक्षण,
करेंगे नई पीढ़ी का शुभ शिलान्यास,
सतत् व व्यापक मूल्यांकन के द्वारा,
करते बच्चों का सर्वांगीण विकास।
गतिविधियों का यूँ अनुप्रयोग कर,
बच्चों का करते शैक्षणिक विकास,
अपने मृदुल सस्वर वाचन से उनको,
सिखाने का हम करते हैं दृढ़ प्रयास।
निदानात्मक शिक्षण के जरिये,
अज्ञानता दूर करें हम, बैठ पास,
सूक्ष्म शिक्षण हम उनको हैं देते,
करते उनका सर्वांगीण विकास।
शून्य नवाचार हम उन्हें करवाते,
जीवन-लक्ष्य का करवाते एहसास,
यूँ ही होगा उनका सर्वांगीण विकास,
सफलता मिलेगी इक दिन अनायास।
नूतन कुमारी (शिक्षिका)
पूर्णियाँ, बिहार