बचपन का वो जमाना-एम एस हुसैन

बचपन का वो जमाना

आता है याद मुझको बचपन का वो ज़माना ।
कॉपी किताब लेकर घर से स्कूल जाना ।।

उस वक्त की शोखियाँ भी थी अजब निराली ।
दोस्तों के साथ मिलकर दोस्तों को सताना ।

आता बहुत मजा था जब आती थी बारिशें
पानी में भींगकर भी फूले नहीं समाना ।

कक्षा में डाँट जब पड़ना होता था शिक्षकों से ।
बस्ता दिखाकर दोस्तों को, खिड़की से भाग जाना।

कक्षा में जब होती थी अपने दिलचस्प विषयों की पढ़ाई ।
प्रथम बेंच पर ही अपना कब्जा जमाना ।

कितना हसीन था बचपन का वो खेल ।
पंखों से तितलियों को बांधकर उड़ाना ।

कितना अजीब था दोस्तों महलों का वो सपना ।
आँखें खुली तो देखा कमबख्त बिस्तर था वह अपना ।

ऐ काश कहीं ऐसा हो पाता संभव ।
कोई लौटा देता मेरा बचपन का वो जमाना।

एम० एस० हुसैन
उत्क्रमित मध्य विद्यालय 
छोटका कटरा मोहनिया कैमूर
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