बापू के सपनों को साकार करें-मनु कुमारी

बापू के सपनों को साकार करें

आज दो अक्टूबर का दिन
यह दिन बच्चों बड़ा महान
आज के दिन इस हिंद देश में
अवतरित हुए राष्ट्रपिता महान

परम पवित्र यह भारत भूमी,
जिसपर सुन्दर राज्य गुजरात
गुजरात के पूण्य धरती पर
गाँधी जी का जन्म हुआ

धर्मपरायण माँ थी पुतली बाई
बड़े सज्जन बाबू करमचंद थे
सभी भाई में बापू सबसे छोटे थे
माँ के भक्तिभाव का बच्चों,
बापू पर बड़ा प्रभाव पड़ा
शांत सरल हृदय में उनके
प्रेम हीं प्रेम था भरा हुआ

बीमार पिता की सेवा करना
माँ के कामों में हाथ बँटाना
दूर अकेले सैर पर जाना
बडों की आज्ञा का पालन करना
समय पर विद्यालय जाना
शिक्षा को मित्र बनाना
मानवीय संवेदना के प्रतिमूर्ति
थे हमारे बापू महान
आओ करें हम उनका जयगान

किशोरावस्था में कदम नहीं डगमगाया
गलती पर बार बार पछताते
“फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा”
अपने वादे पर हमेशा अडिग रहते
तेरह वर्ष की आयु में
कस्तूरबा जी से ब्याह हुआ

सत्य अहिंसा के पुजारी,
रंगभेद, छूआछूत मिटाने वाले
अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले
देश पर प्राण लुटाने वाले
विदेशी सामानों का बहिष्कार किया

“करो या मरो” था जिनका नारा
अंग्रेजों को जिसने भारत से भगाया
‘अंग्रेजों भारत छोडो़” का नारा देकर
देशवासियों के हिम्मत को बढाया
स्वच्छता का महत्व समझाया
हे राम से प्रकट हुई
ऊनकी निर्गुण भक्ति की पहचान
आओ करें उनका जयगान

“मोक्ष दाता राम” की रचना करके
आत्म तत्व का ज्ञान दिया
अगर करना हो ईश्वर की प्राप्ति
“देह के पार” जाना होगा
दाशरथि राम से मुक्ति न मिलेगी
निर्गुण राम की भक्ति बताई
जो हैं सब घट वासी
अरू अविनाशी ऐसे राम का किया गुणगान
इसलिए बच्चों अंतकाल में उनके मुँह से निकला हे राम
ऐसे पूज्य राष्ट्रपिता की आओ
हम गुणगान करें
सत्य, अहिंसा का प्रण लेकर बच्चों
बापू के सपनों को साकार करें।

मनु कुमारी
पूर्णियाँ बिहार

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