बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ! बेटियाँ तुम्हारा।
अगर न होती तू दुनियाँ में,
सृष्टि बसती नहीं दुबारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा–
जिस घर में बेटी को जाता है बिन भेद भाव क़े पाला।
उस घर में सुख-चैन की सजती है माला।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,
यही है सबका नारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ बेटियाँ तुम्हारा।
स्वागत–
बेटी-बेटा में कोई भेद नहीं सुन लो ये जहान सारा।
छोटी सोच ने जन्म दिया शब्द बना बँटवारा।
बेटी किसी से कम नहीं, कर लो मान हमारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ ! बेटियाँ तुम्हारा…
बेटी हूँ लक्ष्मी मैं बनके आई घर तुम्हारा।
सरस्वती देकर माँ-पापा बढ़ा दो मान हमारा।
माँ-पापा का फर्ज निभाओ तुम। ये जीवन संवार दो हमारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ बेटियां तुम्हारा…
मन में रखो न मैल कोई, न व्यवहार ही अन्तर कोई।
होइहि सोयी जो राम रचि राखा
विधि का लिखा मिटा नहीं पाता।
कर दो जन्म सफल हमारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ! बेटियाँ तुम्हारा…
सब दिन मैनें यही सुनी बेटी होती पराई।
तुम तो माँ हो करना न हमें अपने से जुदाई।
दूजा माँ-बाप मिले जब तुम जैसा, तब करना कन्यादान हमारा।
स्वागत है इस दुनियाँ में बेटियाँ तुम्हारा।
हाँ! बेटियाँ तुम्हारा…
रीना कुमारी (शिक्षिका)
प्राथमिक विद्यालय सिमलवाड़ी पाश्चिम टोला
प्रखण्ड :- बायसी
जिला :- पूर्णियाँ (बिहार)