भाईदूज का त्योहार-रीना कुमारी प्रीती

Rina

Rina

भाईदूज का त्योहार

देखो आया भाईदूज का त्योहर,
जो दर्शाता भाई-बहन का प्यार।

कथा है ये गंगा और यमुना की,
जो कि भाई और बहना थी।
यमुना न्योता दे गंगा को बुलाया,
गंगा मान रखने यमुना घर आया।
कामना करते बहन यही कहे,
भाई मेरा सदा ही स्वस्थ रहे।
गंगा-यमुना का जब जल बढ़े
मेरे भाई के जीवन की आयु बढ़े,
उसी कथा की रीत आज भी रही,
जिसे मानते है ये जग सारा सही,
देखो आया भाईदूज का त्योहार
जो दर्शाता भाई-बहन का प्यार।

देखो भाई दूज का त्योहार आया,
बहन-भाई में श्रधा प्रेम है भाया।
बहन अर्पण सेऑंगन को सजाया,
उस पर सुन्दर आसन बिछाया।
बहन अपने घर भाई को बुलाए,
भाई रीत निभाने बहन घर आए।
सिन्दुर चावल का तिलक लगाए
पान-सुपारी हाथ में रखे-रखाए।
लड्डू मुँह में एक दूजे को खिलाये
पवित्र पर्व की कथा मन भाये,
देखो आया भाईदूज का त्योहार,
जो दर्शाता भाई बहन का प्यार।

रीना कुमारी प्रीती
पूर्णियॉं बिहार

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