भारतवर्ष का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस
भारत माँ की संतान हेतु गुरु-शिष्य का केंद्र है।
सुपुत्री आराध्या और सुपुत्र रामार्यांश नरेन्द्र है।।
विश्वगुरु भारत के आगे सारी दुनिया पस्त है।
आज देश का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस है।।
पंद्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालीस धरोहर है।
छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास सरोवर है।।
श्रीराम-कृष्ण, विवेकानंद का चरित्र सरस है।
आज देश का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस है।।
नेतृत्व, क्रीड़ा, अभिनय हिन्दुस्तान के प्राण हैं।
नरेन्द्र मोदी, राहुल द्रविड़, अमिताभ श्रीमान् हैं।।
एक सौ पैंतीस करोड़ जनता पर वरदहस्त है।
आज देश का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस है।।
राष्ट्रगान व राष्ट्रीय गीत के आगे नतमस्तक हैं।
हम भाई-बहन जग में सर्वत्र दे रहे दस्तक हैं।।
त्याग-मर्यादा सदृश्य अपना हर अस्त्र-शस्त्र है।
आज देश का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस है।।
नर में नारायण, नारी में देवी का दर्शन करते हैं।
देशवासी तन-मन-धन से देश के लिऐ मरते हैं।।
हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई का समान रक्त है।
आज देश का पचहत्तरवाँ स्वतंत्रता दिवस है।।
राजेश कुमार सिंह
समस्तीपुर