भारतीय नववर्ष मंगलमय हो
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा,
आज प्रफुल्लित है जग सारा।
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है,
सुख़मय कर दो संसार हमारा।
तेरे स्वागत को सब अभिलाषी,
दे दें ख़ुशियों से भरा नज़ारा।
दस्तक देती स्नेहिल हृदय पर,
सिंदूरी भोर-सा उपहार तुम्हारा।
नववर्ष दे ख़ुशियों भरा सौगात,
फैले चहुँ ओर शिक्षा उजियारा।
तेरे आगमन पर कोयल भी कूके,
प्रकृति को तूने क्या ख़ूब सँवारा।
चैत मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में,
नवदुर्गा का आह्वान करें जग सारा।
झूमें, नाचें और ख़ुशी मनाएं,
पावन सा घर हुआ हमारा।
हृदय में नई ऊर्जा का हो संचार,
हर्ष उत्कर्ष की सीमा हो अपार।
सबके प्रति हो सहृदयता सदा,
आओ सब मिलकर मनाएं प्रतिपदा।
स्वरचित व मौलिक
नूतन कुमारी (शिक्षिका)
डगरुआ, पूर्णियाँ
बिहार
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