नशे के गर्त में डूब रही है, आज की युवा पीढ़ी। कर्णधार कहलाते देश के, विकास की है जो सीढ़ी। नशे की कालाबाजारी का, धूवाँ घर-घर फैला। तन मैला,मन भी…
Category: संदेश
हे सखी! – पथिका छंद – राम किशोर पाठक
हे सखी! – पथिका छंद – राम किशोर पाठक हे सखी! मुझे बतलाओ। कैसे रहूँ बिना साजन के, बैठी घर सदा अकेली। उठते कितने भाव हृदय में, जैसे हो एक…
संविधान- लावणी छंद – राम किशोर पाठक
संविधान- लावणी छंद – राम किशोर पाठक नीति नियम का ग्रंथ यही है, जिसके सन्मुख समरस रहते। देश चलाते हैं हम जिससे, संविधान उसको कहते।। आजादी जब हमने पायी, हमको…
जिए जा रहा हूॅं- गजल राम किशोर पाठक
१२२-१२२-१२२-१२२ उदासी छुपाकर जिए जा रहा हूँ। तभी तो लबों को सिए जा रहा हूँ।। निगाहें जिन्हें ढूँढती है हमेशा उन्हें बेनजर अब किए जा रहा हूँ।। उधारी चुकाना…
जीवन में शिक्षा का स्थान – अमरनाथ त्रिवेदी
मन से न कभी भाग पाएँगे, सदा शिक्षा का अलख जगाएँगे। जीवन से शिक्षा का इतना नाता, इसके बगैर न हम कुछ कर पाएँगे। शिक्षा ही मनुष्य को पशु…
शिक्षक – कहमुकरी राम किशोर पाठक
शिक्षक – कहमुकरी सबके हित को तत्पर रहता। अपने हक में कभी न कहता।। दोष गिनाते बने समीक्षक। क्या सखि? साजन! न सखी! शिक्षक।।०१ भूली बिसरी याद दिलाए। रोज नया…
राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राम किशोर पाठक
राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राष्ट्र हेतु हम, मिट जाएँ। राष्ट्र-भक्त हम, कहलाएँ।। आओ मिलकर, पले यहाँ। कदम मिलाकर, चले जहाँ।। गीत संग हम, यह गाएँ। राष्ट्र-भक्त हम,…
तोटक छंद वर्णिक-रामपाल प्रसाद सिंहअनजान
तोटक छंद वर्णिक(112) 112-112-112-112 दो चरण सम तुकांत दिन में दिखते मन के सपने। हिय में रहने लगते अपने।। रचने लगते शुभ भाव यहाॅं। भरने लगते मन घाव यहाॅं।। सजने…
साक्षात अमरनाथ है -जैनेंद्र प्रसाद रवि
साक्षात अमरनाथ है मनहरण घनाक्षरी छंद में चारों धाम घुम आया, कहीं नहीं मन भाया, तीर्थ राज बनकर, गुरुदेव साथ हैं। भाव पास कट गया, अंधकार मिट गया, जब से…
शुभकामना संदेश – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
शुभकामना संदेश मध्य विद्यालय दरबे भदौर*प्रखंड पंडारक के प्रधानाध्यापक *भाई रामपाल सिंह अनजान जी का दिनांक ३१,१०,२०२५ को विद्यालय से सफल व निर्विघ्न सेवा समाप्ति के अवसर पर पेश है…