शिक्षक – कहमुकरी राम किशोर पाठक

शिक्षक – कहमुकरी सबके हित को तत्पर रहता। अपने हक में कभी न कहता।। दोष गिनाते बने समीक्षक। क्या सखि? साजन! न सखी! शिक्षक।।०१ भूली बिसरी याद दिलाए। रोज नया…

तोटक छंद वर्णिक-रामपाल प्रसाद सिंहअनजान

तोटक छंद वर्णिक(112) 112-112-112-112 दो चरण सम तुकांत दिन में दिखते मन के सपने। हिय में रहने लगते अपने।। रचने लगते शुभ भाव यहाॅं। भरने लगते मन घाव यहाॅं।। सजने…

तुम मुझको नारी रहने दो… डॉ स्वराक्षी स्वरा

गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन  दौलत  की  ही चाहत है पैरों   के  बंधन   तोड़  मेरे निर्बन्धता   में    राहत    है चालें तेरी…

बहती गंगा-सी पुण्यधार रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

पद्धरी छंद सम-मात्रिक छंद, 16 मात्राएँ आरंभ द्विकल से, पदांत Sl अनिवार्य।   मां सिद्धिदायिनी दिव्य भाल। दिखते हैं सागर से विशाल।। कर अभ्यागत की पूर्ण आस। भर दें संस्कारित…

मन अगर वैधव्यमय हो.. डॉ स्वराक्षी स्वरा

मन अगर वैधव्यमय होतन सजाकर क्या करूंगी? चाह कब मैंने किया थास्वर्ण से यह तन सजानाऔर तो इच्छा नहीं थीआसमां तक उड़के जानाकामना इतनी सी मेरीसाथ मिलकर पग बढ़ाना पांव…

अब भी यूं रुका क्यों है -डॉ स्नेहलता द्विवेदी

तू अब भी यूँ रुका क्यूँ है? गुलाब कांटों से यूँ लगा क्यूँ है ? जिंदगी तेरा ये फ़लसफ़ा क्यूँ है? जो मुस्कराते हो शबनम की तरह, पलकों का रंग…

।। हिन्दी दिवस।। – Puja Kumari

।। हिन्दी दिवस।। हिन्दी हमारी मान है, हिन्दी हमारी शान है।  हिन्दी तो पहचान, हिन्दी में बसती जान है। संस्कृति का अनन्त सागर है  जुड़ी है भारत के 14 भाषाओं…