मुझे समझ नहीं आती सबकी बातें बस अपनी मर्ज़ी का करता हूं लाख मुझे कोई क्यूं ना समझाए मगर ज़िद पर अपनी अडिग रहता हूं सब कहते ये मत कर…
Category: बाल कविता
बचपन की शरारतें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई फल भाता, दूर से नज़र आता, छिप कर बागानों से, टिकोले को तोड़ता। गाँव की हीं महिलाएँ, कुएँ पर पानी भरें, पीछे से कंकड़ मार, मटके को फोड़ता।…
मेरे प्रश्नों के उत्तर- अवनीश कुमार
अम्मा तुम तो कहती है चाँद पर एक बुढ़िया जो है चरखा चलाती पर मुझे अम्मा क्यों ऐसा लगता चाँद पर बैठी बुढ़िया है ढोलक बजाती अम्मा तुम तो कहती …
प्रेम उपहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
प्रेम उपहार बाल भावना को स्पर्श करती रचना (मनहरण घनाक्षरी छंद में) नाजुक- कोमल कली, बागानों में जैसे माली, करे खूब देखभाल,बच्चे होते फूल से। कभी नहीं करें रोस, यदि…
परीक्षा परिणाम- दीपा वर्मा
आया परिणाम बच्चों का, उत्साह देखते बनता है। कुछ बच्चे हैं डरे-डरे, जाने क्या मेरा होना है। नए वर्ग मे जाना है,नयी किताबें, नयी कापियां, नया बैग ,सजाना है। परीक्षा…
पुस्तक – सुरेश कुमार गौरव
पुस्तक सच में ज्ञान का भंडार होती है सतत् शिक्षा ज्ञान रुपी बहती गंगा होती है! बचपन में पहली पुस्तक जब हाथ में आया ज्ञान की पहली सीढ़ी वर्णमाला से…
साल का कविता – शाहिद अख्तर
साल में महीने देखो बच्चों, होते हैं कुल बारह पहली होती है जनवरी, बाकी बच गए ग्यारह! फरवरी माह अनोखा ऐसा सबको यह सिखलाता चार साल में बच्चों इसमें एक…
बाल दिवस – नीतू रानी “निवेदिता”
नेहरु जी आज है 14 नवंबर का दिन आज के दिन हैं बड़े महान, आज हीं जन्म लिए नेहरू जी आपके लिए गाते जय गान। जब आप थे माता के…
जन्मदिन गीत – नीतू रानी
नाना नाती का मना जन्मदिन, बड़ी धूमधाम से। जन्मदिन के दिन सत्संग भजन हुआ, संतों का मिला आशीष संतों के हाथ से नाना नाती ———2। जन्मदिन के दिन बड़ा केक…
श्रावण- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
शुचि मन-भावन श्रावण आया आगत को लख हों पुलकित मन। अम्बर बादल चहुँदिशि छाया। दृश्य मनोहर बरसा-सावन।। कृषक मुदित मन गीत सुनाते रिम-झिम बूँदें हैं हर्षाती। सुमन विटप मन को…